सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पंथी अउ देवदास बंजारे( हेम के दोहे)

ढोलक तबला थाप मा, बाजय मांदर संग। नाचय साधक साधके, देखव पन्थी रंग।। बाबा घासी दास के, करथे सुघ्घर गान। गावय महिमा देखले, गुरु के करत बखान।। चोला पहिर सफेद गा, नाचय पंथी नाँच। बाँधे घुँघरू गोड़ मा, गोठ करै गा साँच।। सादा हवय लिवाज हा, सादा झण्डा जान। सबला देवत सीख हे, मानव एक समान।। देव दास सिरजन करे, पन्थी नाँच बिधान। बगराइस सब देश मा, करके गुरु के गान। -हेमलाल साहू छन्द साधक सत्र-01 ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ.ग.)

छत्तीसगढ़ के रंग(हेम के दोहे)

कोरबा ऊर्जा के नगरी हवे, रखे अलग पहिचान। सबला दे अंजोर गा, नाव कोरबा जान।। आवव देखव कोयला, करिया हीरा खान। बड़े कारखाना चलै, देखव ओकर शान।। बिलासपुर न्याय राजधानी बसे, रहिस बिलासा गाँव। मिलथे सबला न्याय हा, बिलासपुर हे नाव।। केवटिन ओ नारी सती, आय बिलासा जान। लाज बचाये बर अपन, ओ गवाइस परान।। रइपुर हमर राजधानी हरे, देखव ओखर शान। रंग भरे जग के हवे, रइपुर ला पहिचान।। आनी बानी बोल हे, किसम किसम के लोग। मानव के माया नगर, अपन दिखावय योग।। मारो मान सिंह राजा रहे, किल्ला जेकर आन। सुग्घर हावय आज भी, मारो गढ़ के शान।। भारी बड़का गढ़ रहे, रखे अलग पहिचान। देख समे बलवान हे, खोइस ओकर मान।। कांकेर तपोभूमि ऋषि कंक के, हरे पहाड़ी धाम। दाई    हे  कांकेश्वरी,   पूरन  करथे  काम।।   धरम देव राजा रहे, सिंह बनाय दुवार। कंडरा रक्छा ला करे, दुश्मन जावे हार।। हे सोनाई रूपई, सुघ्घर तरिया जान। राजा के बेटी इहे त्यागिस हवे परान।। ए सुक्खा होवय नहीँ, जेकर हे परमान।। आधा पानी सोन गा, आधा चाँदी जान। बस्तर आवव बस्तर देख लव, जंगल झाड़ी आय। हरियर हरियर देख लव, कुदरत रंग भराय।। देख आदिवासी...

बारव दीया (हेम के दोहे)

बारव दीया प्रेम के, सुघ्घर कर के दान। हवे महीना धर्म के, आही घर भगवान।। आत्मा बिन काया नहीँ, इही जगत के सार। दीया बाती तेल मिल, करै जगत उजियार।। माटी के दियना जले, जगत होय अंजोर। जिनगी के बाती जले, तेल रहत ले मोर।। आगे धनतेरस हवय, दीया ला घर बार। लछमी दाई संग मा, लाय नवा उजियार।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ. ग.)

@चीला रोटी@

हावे छत्तीसगढ़ के, चीला रोटी शान। खाके तैहा देखबे, तब पाबे पहिचान।। चक्का जइसे गोल हे, रहिथे छेद मितान। सोंहारी तो नइ हरे, एकर कर पहिचान।। आय नहीँ गेंहू बता, चाँउर आय पिसान। च...

@भाजी@

@भाजी@ भाजी तिवरा अउ चना, देख सबो ललचाय। फेव-रेट सब के हवे, सिरतो गजब मिठाय।। खाले भाजी साग ला, सेहत के संसार। रोग दूर तन के करै, देवत मया अपार।। टोर खेड़हा खोटनी, भाजी राँध बघार। ...

@इहाँ पीटत डोल@

फेसबूक मनखे नकली, पहिरे हवे खोल। अपन घर मया नई करै, इहाँ पीटत डोल।। नाव गाँव के पता नहीँ, दिखत सबके पोल। कइसे कहव मोर रानी, मनके मया बोल।। -हेमलाल साहू ग्राम- गिधवा, पोस्ट- नगधा त...

मोदी दीस तान सीना

मोदी दीस तान सीना, देख छप्पन इंच। धन देख लाय बर करिया, नवा खोलिस पंच।। वादा करिस अपन पूरा, जन के रखिस मान। पांच सौ हजार नोट ला, करदिस बन्द जान।। खून अउ पसीना लुटके, भरथे खूब माल। ...

जाड़ा(शोभन छंद)

आइस जाड़ा अब संगी, काँपत हाथ गोड़। घाम हा सुहाये सबला, रवनिया मत छोड़।। कड़के कसके जाड़ा हा, तन मा घुसर जाय। तापके गोरसी आगी, अपन जाड़ भगाय ।। जाड़ के महीना सुघ्घर, सेहत चलव बनाव। योगा ...

शोभन छंद

तुलसी पूजा रोज तैह करले, सुमर तुलसी नाम। हरथे रोग शोक मनके, सफल करथे काम।। तुलसी मा हवे बिराजै, देख लछमी मात। सालिक राम संग परभू, बिसनू हे समात।। पुन्नी अपने  छोड़ मोह माया, चल ...

शोभन छंद

तोरे संग मया होगय,  कइसे में बताव। रतिहा नींद नई आवे, कइसे में पहाव।। आथे तोर रोज सुरता, कइसे मेह भुलाव। तोला मेह देखे बिना, मन कइसे मढ़ाव।। मिलके आव करव संगी, ठठ्ठा अउ मजाक। सु...

आगय देवारी (शोभन छंद)

आगय संगी देवारी, देख हमर तिहार। बारव दीया सुरहूती, लाव नव उजियार।। लछमी दाई घर आवय, फैलय यस हमार। आव दूर करबो मिल, जगत के अँधियार।। -हेमलाल साहू ग्राम- गिधवा, पोस्ट- नगधा तहसील -...

शोभन (सिंहिका)

छन्द के छ के नवा पाठ - शोभन (सिंहिका) छन्द अभी विष्णु पद छन्द सीखेन जेमा 16,10 मा यति रहिस। अंत गुरु से रहिस। लगभग वइसने शोभन छन्द आय 14,10 यति। सोभन (सिंहिका) छन्द (१४,१०) डाँड़ (पद) - ४, ,चरन - ८  त...

@जाड़ा@

@जाड़ा@ हेमन्त अपन रंग ला, सबो मुड़ा देखाय। बनके जाड़ा देखले, अँगमा सरी समाय।। होत बिहनिया सीत के, छोड़य तीर कमान। अड़बड़ बड़गे जाड़ हा, सबके लेत परान।। कड़कत हावे जाड़ हा, माँगत चादर साल...

तुलसी

बिन्दा के सुरता रहै, महिमा हवे अपार। हरथे सबके रोग ला, तुलसी पूजा सार।। तुलसी बिरवा तँय लगा, परभू के रख मान। लछमी घर आही सदा, बिसनू के वरदान।। -हेमलाल साहू ग्राम- गिधवा, पोस्ट- न...

@करिया नोट@

जुन्ना हजार पाँच सौ, बंद आज ले नोट। रोत चोर करिया हवे, कसके लगगे चोट।। धोखा करिया चोर हाँ, खाय हवे जी आज। करिया पइसा आय न, संगी अबतो काज।। आवय न कुछू काम गा, करिया धन हा मान। करिय...

*राख सबसे प्रेम*

हवै चार दिन के जिनगी, राख ले मन प्रेम। का ठिकाना कहाँ मलही, फेर जी अब टेम।। प्रेम ला अंतस राख ले, खोल तँय मन द्वार। जान ले मान ले संगी, सब इही जग सार।। गुन ला माटी के गावव, माथ अपन न...

*आँव लाज रखबे*

हे नटवर नन्दलाल मोरे, आँव लाज रखबे। बड़गे चारो मुड़ा पाप हा, आ अब तँय हरबे।। बड़े बड़े सकुनी इहा हवे, चाल चलत अपने। फेकत हावे जाल भरम के, रखथे कपट मने ।। करथे अधरम हा राज इहा, दुर्योध...

*जग लाव अँजोरी*

बार अपन मनके दीया ला, जग लाव अँजोरी। सबो डहर परकास फैलही, मिटही अँधियारी।। जोड़व नाता कुदरत संगी, जग बदव मितानी। हरियर हरियर दिखही धरती, मत कर नादानी।। हरियर होही मन हा सबके, र...

लावव नवा अँजोर (हेम के दोहे)

ऊवत बेरा के जिहाँ, परथन सबझन पाँव। बढ़ निक लागे गाँव हा, हवे मया के छाँव।। सुघ्घर दाई के मया, महिमा हवय अपार। अपन पीर अंतस रखें, हमला देत दुलार।। बनके दीया मेटलव, जग के सब अँधियार। लावव नवा अँजोर गा, मन मा दीया बार।। बइला कस जाँगर हवय, ओला कसके पेर। दूर गरीबी ला करँय, मिलय छाँव सुख फेर।। शाबासी टॉनिक हमर, लागे अड़बड़ मीठ। मन करथे चंगा भला, देख ठठा के पीठ।। अवगुन करथे दूर गा, गोठ करू कर भोग। करू करेला हा रखै, जइसे तन ल निरोग।। -हेमलाल साहू  ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ.ग.) 

जय जय हो मात भवानी (बिस्नू पद छन्द )

जय जय हो मात भवानी, खोल द्वार मनके। बारव दीया करव आरती, भाव भजन धरके।। तोर अगोरा हावे घर मा, आ दाई बनके। मया दया भाव धरे आहू, आस हवे सबके।। पहली बहनी आय सारदा, ज्ञान भरय मनमें। दू...

@बनबे भला इंसान गा@

रखबे मया तँय संग मा,  करु छोड़ के तँय गोठ गा। तँय राखले बिस्वास ला, मन होय जी तब पोठ गा। अभिमान ला तँय छोड़ के, मन राख ले तँय प्रेम गा । करबे भला मन बाँध ले, जग आस हे हर टेम गा।। सबला मि...

*मन पाप ला तँय तो भगा*

मन में बसे रावन हवे,  जँह    देख   ओकर   राज  हे। हर रोज हे दिखते इहाँ, बिटिया  लुटावत   लाज   हे।। मन मा बसे दसशीश के, तँय   पाप  ला   तुरते   जला। रख लाज बहिनी के सदा, तब होय जग...

@बिसवास ला तँय राख ले@

चल आ सँगी मन ला लगा, तँय हाथ बूता मा लमा। तँय चल पसीना गार के,  चल पून्य पूँजी ला जमा।। तँय छोड़ दे मन मोह ला, चल नाव सुघ्घर तँय कमा। कर दान तँय रखबे दया,  करबे सबै गलती  छमा।। तँय पे...

*गीतिका छन्द*

ददरिया मा राग धरके,  चलव   गाबो   गीत   रे। आव करमा नाचबो मिल, अपन सब झन मीत रे।। हमन माटी गुन ल गाबो,  पहिर  चोला  आज रे। आव करबो अपन संगी, चलव  सुघ्घर  काज रे।। हमर घासीदास बाब...

@मार नोनी कोख मा झन@

मार नोनी कोख मा झन, आन दव संसार मा। भेद भाव ल छोड़ संगी, रखव अपन दुलार मा।। हवय नोनी हमर बाबू, एक   दूनो  जान  लौ। हवय घर के आन नोनी, तुमन संगी मान लौ।। देख नोनी हा बढ़ाये,   देश  के  त...

*गीतिका छन्द*

हमर भुइँया हमर दाई,   तँय  बिराजै  गाँव मा। मोर सुघ्घर हवय जिनगी, तोर अँचरा छाँव मा।। आँव दाई तोर बेटा,   करव   तोर  बखान ला। तोर दाई नाव लेवव,   रखव   मेहा  मान ला।। अपन संगी अ...

@हे दाई बिमला@

हे दाई बिमला, सँग दे हमला, तोर सदा में, ध्यान धरव। मात शैलपुतरी, कालरातरी, सदा बिराजे, कण्ठ रहव।। जय मात भवानी, जग कलयानी, पाप नासनी, पाप हरव। दाई कपालनी, भय ला हरनी, सब विपदा ला, दू...

रूपमाला छंद

समय भागे देख पल्ला, कभू रुक न पाय। काल ककरो आय संगी, छैक न छेकाय।। छोड़ चिंता अपन फलके, बने जाँगर पेर। मेहनत मा भाग्य बनथे, समय के हे फेर।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तह...

@रूपमाला छन्द (मदन छन्द)@

मोर माटी मोर दाई, तँय रखै हस नेम। मोर जिनगी तोर कोरा, मा बसे हर टेम। तोर सेवा करवँ दाई, परन करथंव हेम। मोर जिनगी हवै अरपन, राखबे तँय प्रेम। दलित कोदूराम ला हे,  मोर सत परनाम। राख ...

*बरवै छंद*

हेमलाल नाव हवै, गिधवा गाँव। चिरई करै बसेरा, पीपर छाँव।। माँ शीतला बिराजे, तरिया पार। मया दया दाई के, हवै अपार।। माटी सेवा भैया, करै किसान। नागर अऊ तुतारी, हे पहचान।। ऊवत सूरु...

कज्जल छंद

सबो डहर हे लूट पाट। बने रथें साहेब लाट।। मानवता ला देत पाट। खोल चोर सबके कपाट।। मिलै न बिन सबूत चोर। न्याय हवे  अंधरा मोर।। घुमय चोर हा गली खोर। कहाँ पुलिस ला हवै सोर। करत प...

@आवव रे संगी@

आवव रे संगी मिल, करबो काम। भुइँया सरग बनाबो, परभू धाम।। करम धरम रहै सदा, बन परकास। सच के पूजा होवय, छुवै अगास।। सुख अउ शांति रहै जी, मन संतोष। दाई रमा बिराजे, भरही कोष।। पाप होय झ...

@सुघ्घर हे गाँव@

सुघ्घर हे गाँवे, सबला भावे, संगी बड़ निक लागे। हरियर रुख राई, देखव भाई, सबके मन मोहागे।। खेती अउ खारे, नदिया पारे, संगी अबड़ सुहाये। पीपर के छाँवे, ममता हावे, माटी प्रेम जगाये।। -ह...

@अब डंका बाजय@

अब डंका बाजय, बैरी भागय, तांडव काल मचाबो। सब मार अधरमी, टार कुकरमी, भुइँया सरग बनाबो।। भारत के पीरा, खोवत हीरा, कइसे कभू भुलाबो। भारत के झंडा, लगही डंडा, गाड़ पाक मा आबो।। -हेमलाल ...

@शिक्षा ला बगराबो@

तज जात पात ला, मान बात ला, आगू बड़ जा भाई। सब संग जोर के, गाँव खोर के, रद्दा बने बनाई।। आवौ सब पढ़बो, आगू बढ़बो, जिनगी सफल बनाबो। सब गाँव म जाबो, अलख जगाबो, शिक्षा ला बगराबो।। -हेमलाल सा...

@शिक्षा ला बगराबो@

तज जात पात ला, मान बात ला, आगू बड़ जा भाई। सब संग जोर के, गाँव खोर के, रद्दा बने बनाई।। आवौ सब पढ़बो, आगू बढ़बो, जिनगी सफल बनाबो। सब गाँव म जाबो, अलख जगाबो, शिक्षा ला बगराबो।। -हेमलाल सा...

@पढ़ ले दू आखर@

पढ़ ले दू आखर, विद्या सागर,  ज्ञान बाँट तैं लेबे। सुन दान दया के, संग मया के, सीख सबो ला देबे।। दाई बर जीबो, सेवा करबो, वोकर मान बचाबो।। चल ताने सीना, बहै पसीना, बैरी मार भगाबो।। -हेम...

@छोड़व मन माया@

छोड़व मन माया, माटी काया, झन करहूँ अभिमाना। चारे दिन जिनगी, सबला संगी, एक जगह हे जाना।। संतोष रखै सुख, मिलै नहीँ दुख, अपन करम के भागे। मन कतको जागे, कतको भागे, काल सबो ले आगे।। -हेमल...

बरखा रानी

आँसो सब तरिया, नरवा-नदिया, जम्मो सुख्खा देख परे। सुन बरखा रानी, देख परानी, बिन पानी सुन झार मरे।। देखव सब गाँवे, नइये छाँवे, रुख राई मन, ठाड़ झुखे। कर बिनती तोला, कहिथे चोला, आके कर...

सब आवव भाई पड़े लगाई

झन काटव भाई, रुख अउ राई, सबके संगी, ताय कहै। सब आवव भाई, पेड़ लगाई, कुदरत सब ला भाय रहै।। निरमल पुरवाई, मानौ भाई, परदूसन ला दूर करै।। छोड़ौ सँगवारी, मोटर गाड़ी, जौन जहर ला, रोज भरै।। नि...

त्रिभंगी छंद

मन मोर गाँव ला, नीम छाँव ला, प्रेम भाव ला, याद करै। दाई बाबू के, बंधु बहिन के, सुरता करके, नयन भरै।। सुघ्घर हे जिनगी, नइये तंगी, मिलके संगी तीर रहै । घर द्वार मया के, दान दया के, नेह प्...

बिदाई

हे गणपति बप्पा, चप्पा चप्पा, सब झन तोरे, ध्यान करैं। माटी के काया, छोड़ै माया, प्रभुजी सबके पाप हरै।। हे तोर बिदाई, बड़ दुखदाई, तँय हम सबला छोड़ चले। मन सबके भींजत, आँसू सींचत, आस दरस ...

जय माँ सरस्वती

हे मात भारती, करँव आरती, मन के दीया,  बार सबे। हे हंस वाहिनी, ज्ञान दायिनी, खोलव मनके द्वार दबे।। तैं माता जगती, करथौं भगती, धरथौं तोरे, ध्यान महूँ। दाई सरसत्ती, माता सत्ती, देदे ...

@जय जय हनुमन्ता@

जय जय हनुमन्ता, तँय बलवन्ता, राम भगत  जग, कष्ट हरौ। रख शक्ति अनंता, निशचर हन्ता, सबके मनके पाप हरौ।। मोरे भगवाने, जय हनुमाने, उर म विराजे , ज्ञान भरौ।। हे राम दुलारे, सबके प्यारे, ...

@त्रिभंगी छंद@

सुघ्घर परभू के, चरन सरन मा, रोज नाम ला, जाप करौ मनके मनखेे मा, भेद भाव कर, संगी हो झन पाप करौ।। तन मन अरपन कर, राख मया ला, मन मा परभू, ध्यान करौ। सब सुनथे अरजी, अंतर्यामी, अपन बसा मन, गान ...