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जुलाई, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

चौपई छन्द (पताल)

रहिथे गोल गोल जी, दिखथे लाल। बारी मा फरथे जी, करय कमाल।। जेकर हे पताल गा, सुनलव नाव। घर बारी मा पाबे, सबके गाँव।। बारो महिना रहिथे, जेकर माँग। डारके बना संगी, बढ़िया साग।। बने पीसके खाले, चटनी भात। फेर बोलबे बढ़िया, तैहर बात।। रहिथे जेमा अड़बड़, संगी स्वाद। आथे सुघ्घर जेहा, बारिस बाद।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा छत्तीसगढ़, मो.9977831273

(चौपई छन्द) राखी

महिना हावय भादो मास। भाई बहनी बर हे खास।। भैया ला बहनी के आस। मन मा राखे हे बिस्वास।। आगय राखी हमर तिहार। बहनी मन होवत तैयार।। बहनी राखे मया दुलार। भैया के आशीष अपार।। बाँधय जी राखी ला हाथ। सुघ्घर तिलक लगाये माथ।। रखय सुखी जी दीनानाथ। रहय सदा भाई हा साथ।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा छत्तीसगढ़, मो. 9977831273

(चौपई छन्द) बरखा

बरखा के आवत हे सोर। पानी गिरत गली अउ खोर।। सावन महिना के हे जोर। नाचत हावय बन मा मोर।। धरै मेचका सुघ्घर राग। झिंगरा गावत हावे फाग।। देख केकड़ा पीटत डोल। घोंघी खेलय घांदी गोल।। मछरी करय तमासा आज। डोरी खेलय सुघ्घर गाज।। हरियर हरियर खेती खार। तरिया नदिया भरय अपार।। बरखा रानी लावय प्रेम। दुनिया जेकर हावय फेम।। बढ़िया बढ़िया खेलय गेम। मजा करय जी हर टेम।। - हेमलाल साहू ग्राम गिधवा पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा छत्तीसगढ़, मो. 9977831273

चौपई छन्द

जिनगी मा नइ हावय टेम। तँय सुनले गा बाबू हेम।। रखबे मन मा तैहर प्रेम। जग मा तभे कमाबे नेम।। महिना आय जेठ बैसाख। देख उड़त माटी अउ राख।। तात तात ले चलथे झाँझ। होत बिहनिया ले जी साँझ।। सुनते ही मुँह पानी आय। खाये मा दांत कटकटाय।। काम अबड़ एहा तो आय। आत जात सबला ललचाय।। - इमली लगथे जइसे जाँगर टोर। काबर हारत मन हा मोर।। बूता मा अब मन नइ भाय। जिनगी काबर हे अलसाय।। बाँधत हव मैं मन ला जोर। हौय पोठ मन कसके मोर।। आस कभू झन छूटय खोर। नानव जिनगी मा अँजोर।। -हेमलाल साहू ग्राम - गिधवा, पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा छत्तीसगढ़ मो. 9977831273

*जय शिव शंकर* सरसी छन्द

जय शिव शंकर भोले बाबा, महिमा गावँव तोर। तन मन ला अर्पित कर देवँव, मानौ श्रद्धा मोर।। करहूँ संझा अऊ बिहनिया,  तोर नाव के जाप। तँय निरमल पावन मन वाले, बइठ हृदय में आप।। भवसागर के तारनहारी, हर दे मोरो पाप। चलहौं महूँ सुमारग मा जी, राखत मेल मिलाप।। आय महीना सावन पावन, रखिहौं महूँ उपास। करिहौं जाप ओम के मन मा, जबतक रइही साँस।। बेल पान अउ फूल चढ़ाके, पूजा करहूँ तोर। जियत मरत के बंधन छूटय, भोले बाबा मोर।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा छत्तीसगढ़, मो. 9977831273