रहिथे गोल गोल जी, दिखथे लाल। बारी मा फरथे जी, करय कमाल।। जेकर हे पताल गा, सुनलव नाव। घर बारी मा पाबे, सबके गाँव।। बारो महिना रहिथे, जेकर माँग। डारके बना संगी, बढ़िया साग।। बने पीसके खाले, चटनी भात। फेर बोलबे बढ़िया, तैहर बात।। रहिथे जेमा अड़बड़, संगी स्वाद। आथे सुघ्घर जेहा, बारिस बाद।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा छत्तीसगढ़, मो.9977831273
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।