आगे हे होली तिहार। चलव मनाबो सबो यार। मोर कामना शुभ हजार। खुशी मिले सबला अपार। रंग खेलबो हमन लाल। चलव लगाबो रंग गाल। पिचकारी मा रंग डाल। धर धरके जाबो गुलाल। होली जम्मो खेल आय। रंग मया के हे लगाय। मुखड़ा मा रंग पोताय। होली सबला हवे भाय। -हेमलाल साहू ग्राम-गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।