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मार्च, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

होली (हेम के कज्जल छन्द)

आगे हे होली तिहार। चलव मनाबो सबो यार। मोर कामना शुभ हजार। खुशी मिले सबला अपार।  रंग खेलबो हमन लाल। चलव लगाबो रंग गाल। पिचकारी मा रंग डाल। धर धरके जाबो गुलाल। होली जम्मो खेल आय। रंग मया के हे लगाय। मुखड़ा मा रंग पोताय। होली सबला हवे भाय। -हेमलाल साहू ग्राम-गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)

तुलसी(हेम के दोहे)

रख तुलसी घर अंगना,  पूजा करथे लोग। तुलसी के महिमा हवे, काया करे निरोग।। तुलसी जब घर मे रहे, तब लक्ष्मी हा आय। घर मा खुशयाली रहे, आनंद उर समाय।। नाम अमर तुलसी हवे, जब तक हे संसार।। तुलसी पूजा जे करय, हावय भव ले पार।। -हेमलाल साहू ग्राम-गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)

मोला देवय ज्ञान (हेम के दोहे)

जम्मो झन गुरु जस हवे, मोला देवय ज्ञान। भइया कहय रमेश हा, देबे बढ़िया ध्यान।। मोला अड़हा जोजवा, सँगवारी हो जान। पाके मँय आशीष ला, मँय बनहूँ विद्वान।। छोटे सबले मँय हवँव, करहूँ रचना यार। एक ले बड़े एक हे, जग मा रचनाकार।। -हेमलाल साहू ग्राम-गिधवा, जिला बेमेतरा

बस्तर (हेम के कज्जल छन्द)

देखव गा बस्तर हमार। सुघ्घर बस्तर हवे यार। रुख राई हे भरमार। भरे सम्पदा हे अपार। हवे आदिवासी ह जान। सीधा साधा ग पहचान। मीठ मीठ हावय जुबान। पहुना के करय सम्मान। फेर नक्सली इहाँ आय। बंदूक धरे अउ चलाय। ये खूब अशांति फैलाय। मारत ये जनता ल जाय। - हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)

हेम के हाइकू

सुन ले छोरी हवच अलबेली गाँव के गोरी ये मोर रानी। तोर संग ओ गोरी हे मया टूरी जबले आय मोर मन ला भाय सुरता आय मया के रंग चढ़ गे तोर संग दूनो के रंग - हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)

सुनव मोर संगी (हेम के कज्जल छंद)

सुनव मोर संगी मितान। हमर देश के तँय किसान। मोरे भुइँया के सब जवान। छत्तीसगढ़ बनाबो महान। घर घर मा हमन जाबोन। सोये मन ला जगाबोन। चलव नवा जोश लाबोन। अपन देश ला बचाबोन। मया दया ला राखबोन। मुख भाखा ला बोलबोन। अपन लाज ला राखबोन। जुरमिल के हमन चलबोन। नव रद्दा आँव गढ़बोन। सरग गाँव ला बनाबोन। झूठ लबारी मिटाबोन। सच के दीया जलाबोन। - हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)