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हेमलाल साहू के चौपाई छंद

मच्छर अपन जहर फैलावत। गाँव शहर के घर घर जावत। डेंगू के बीमारी बगरावत। कहर मौत के हे बरपावत।1। देख राज मच्छर के आगे। तोर स्वच्छता कहाँ गवागे। रोज एक झन ला मरना हे। मच्छर के तो ये कहना हे।2। रहे गन्दगी गाँव शहर मा। रइहव सबके मयँ घर घर मा। जिनगी मोर गंदगी अंदर। कहिथे मच्छर जंतर मंतर।3। जात पात ला मँय नइ देखव। थोर थार सफई नइ घेपव। गन्दा में हे रहना बसना। सबो डहर हे मोर बिछवना।4। हवे गन्दगी दुनिया भर के। गाँव शहर मा देखव कसके। कहाँ स्वच्छता तोर लुकागे। भुन भुन बोले मच्छर भागे।5। फेंक गन्दगी घर के अँगना। जन कहिथे हमला का करना। अब मच्छर के होंगे बढ़ना। हवे गन्दगी मा ओला रहना।6। नेता मंत्री मन ला का करना। उनला तो कोठी हे भरना। रहिस स्वच्छता चारे दिन के। फेर बइठ गे पैसा बिन के।7। बनिस हवे सब घर सौचालय। काम अधूरा ला करवावय। रख रखाव ला नइ बनवावय। गली गन्दगी हा बोहावय।8। हाल गाँव मन के अब देखव। स्वच्छ गन्दगी मा जी  रेगव। गाँव गली घर मच्छर बसगे। डेंगू के प्रकोप सब बनगे।9। डेंगू ले पाबे तँय काबू। अपन स्वछता मा रख बाबू। दूर भागथे जी बीमारी। राख स्वच्छ घर अँगना बारी।10।

सरकार के संचार क्रांति योजना

आगे जी संचार क्रांति हा, होही खूब विकास। मनखे सबो आलसी बनही, करही टाइप पास।1। घर घर बाँटे मोबाइल ला, रमन कका हा भेज। जम्मो लाभार्थी लेवत हे, बिना करे परहेज।2। ढकोसला संचार क्रांति के, अपन गिनावत काज। सस्ता मोबाइल ला देके, अपन करत हे राज ।3। करबे तँय विकास के सुघ्घर, मीठा मीठा गोठ। सरकारी लूट खजाना ला, गोठी भरले पोठ।4। ब्लास्ट आज मोबाइल होवत, देख क्रांति संचार। जान भले जावय जनता के, उनला सत्ता प्यार।5। भुला जही दू दिन बाद सबो, होइस अत्याचार। फेर वोट हा उनला मलही, बनही जी सरकार।6। पानी बिन किसान हा रोये, सुख्खा हावय खेत। मरना हावय सब किसान ला, लेवत नइहे चेत।7। मोबाइल ला हमला दे के, हमर चुकादिस नून। आगे अब चुनाव हा बढ़िया, फेर रमन ला चून।8। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा

ताटंक छन्द -मया के सुरता

गोरी तोर मया के सुरता, रही रही के आथे ओ। तोला देखे बर आँखी हाँ, ये मोर तरत जाथे ओ।1। तोर बिना जग सुन्ना लागे, कुछु मोला नइ भावे ओ। रात मोर बर बइरी होगय, नींद कहाँ ले आवे ओ।2। काबर हवस रिसाये गोरी, काबर तँय गुस्साये ओ। मोला रोज हँसाके तँय हर, काबर अब रोवाये ओ।3। काम बुता मा मन नइ लागे, खावत हव मँय गारी ओ। तोर बिना हे मोर अधूरा, सुनले जिनगी सारी ओ।4। बात मान ले मोर आज तँय, सँग जीबो सँग मरबो ओ। सुघ्घर जिनगी हमन बिताबो, एक संग जब रहिबो ओ।5। -हेमलाल साहू ग्राम- गिधवा, पोस्ट- नगधा तहसील- नवागढ़, जिला- बेमेतरा छत्तीसगढ़ मो. 9977831273

हरेली तिहार सरसी छंद

हरियर हरियर डारा पाना, हरियर दिखथे खार। आगय आगय हमर हरेली, पहली आज तिहार।1। नोनी बाबू अउ सियान मन, होंगे गा तैयार। कोरे गाँथे बड़ चुकचुक ले, बइठे तरिया पार।2। लीपे पोते घर अँगना ला, साफ बहार बटोर। लाही घर मा हमर हरेली, सुघ्घर नव अंजोर।3। नागर अउ बइला ला धोये, धोये सब औजार। नवा नान के माटी बढ़िया, पूजा करे अपार।4। भोग लगाये गुड़हा चीला, नरियर बेला फोर। लइका मन हा गेड़ी चढ़हे, गाँव गली अउ खोर।5। डारा खोंचय नीम घरों घर, राउत आज हमार। चौखट मा खीला ठोकय, घर घर मा सोनार।6। सबो गाय गरुमन ला लाके, लोदी बना खवाय। फूँक झार के मंतर मारय, रोग कभू झन आय।7। जादू टोना दूर रथे जी, बइगा बाँधय गाँव। बर पीपर के पूजा करथे, मिले सदा जी छाँव।8। नरियर भेला फेक खेलथे, अउ खेले छू छुवाल। खुशी खुशी ले देख हरेली, सब मनाय हर साल।9। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा