झन काटव भाई, रुख अउ राई, सबके संगी, ताय कहै।
सब आवव भाई, पेड़ लगाई, कुदरत सब ला भाय रहै।।
निरमल पुरवाई, मानौ भाई, परदूसन ला दूर करै।।
छोड़ौ सँगवारी, मोटर गाड़ी, जौन जहर ला, रोज भरै।।
निरमल पुरवाई, सुघ्घर भाई, गाँव गाँव मा देख बहै।
बन कुदरत संगी, रहै न तंगी, हरदम हरियर, प्रेम रहै।।
माटी के सेवा, पाबो मेवा, तोरे जस के फूल खिलै।
बस हँसी खुशी मा, अब जिनगी मा दया मया के छाँव मिलै।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
(छ्त्तीसगढ़) मो. 9977831273
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