जय हो लाल बहादुर शास्त्री, मोर भारत रत्न। राम राज्य के देखे सपना, रहिस जन प्रसन्न।। अटल अमर हे तोर कहानी, सुनत हे संसार। दू अक्टूबर जन्म दिवस हे, पाय बड़ संस्कार।। सरल सादगी जिनगी तोरे, उच्च रहिस विचार। बड़का सतरंज के खिलाड़ी, खाय कभू न हार।। छोटे कद काठी दुरिहा ले, जाय जे पहिचान। खादी टोपी कुरता धोती, बढ़ाय तोर मान।। नारा जय जवान जय किसान, अमर जग मा तोर। ईमानदार सबके साथी, रहिस शास्त्री मोर।। -हेमलाल साहू छंद साधक सत्र -1 ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।