हे नटवर नन्दलाल मोरे, आँव लाज रखबे। बड़गे चारो मुड़ा पाप हा, आ अब तँय हरबे।। बड़े बड़े सकुनी इहा हवे, चाल चलत अपने। फेकत हावे जाल भरम के, रखथे कपट मने ।। करथे अधरम हा राज इहा, दुर्योधन बनके। धरम राज ला लूटत हावे, छल माया करके।। करथे अत्याचार दुशासन, खींचत हे लुगरा। बेटी माई होवत हावे, रोज इहा उँघरा।। आँखी देखत बइठे मनखे, न्याय बने अँधरा। साँच झूठ के फरक कहाँ हे, होवत हे झगरा।। भाई भाई के बैरी हावे, कपट भरे मन मा। आज ददा दाई ला मनखेे, फेकत हे बन मा।। मन मा आस हवे आके तै, लाज मोर रखबे। कलजुग के सबो पाप ला तै , आव नास करबे।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा (छत्तीसगढ़) मो. 9977831273
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।