जय जय हनुमन्ता, तँय बलवन्ता, राम भगत जग, कष्ट हरौ।
रख शक्ति अनंता, निशचर हन्ता, सबके मनके पाप हरौ।।
मोरे भगवाने, जय हनुमाने, उर म विराजे , ज्ञान भरौ।।
हे राम दुलारे, सबके प्यारे, मम उर नित तुम, वास करौ।
-हेमलाल साहू
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।
जय जय हनुमन्ता, तँय बलवन्ता, राम भगत जग, कष्ट हरौ।
रख शक्ति अनंता, निशचर हन्ता, सबके मनके पाप हरौ।।
मोरे भगवाने, जय हनुमाने, उर म विराजे , ज्ञान भरौ।।
हे राम दुलारे, सबके प्यारे, मम उर नित तुम, वास करौ।
-हेमलाल साहू
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