छन्न पकइया छन्न पकइया, बनही अमर कहानी। बाँधे राख मया के रिस्ता, रखले मान मितानी।। छन्न पकइया छन्न पकइया, मिलके आगू जाबो। सुख दुख मा रहिके सँगवारी, जिनगी साथ निभाबो। छ...
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।