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मोर माटी

छत्तीसगढ़ी मा करवँ, मँय जिनगी भर गोठ। मोर बढ़े नित ज्ञान हाँ, होवय भाखा पोठ।। मोर माटी मोर हावय, देख ले अभिमान रे। मोर जिनगी बर बने हे, आज जे वरदान रे।। देख करथौ गान ला मँय, नित धरे ...

सरसी छंद (गीत- मोर मया के)

मोर मया केे सुनले गोरी, तँय हर दिल के बात। तोर मया के छीन छीन ओ, सुरता मोला आत।। जनम जनम के नाता हावे, मन हर गावे गीत। तोर मोर ओ सदा सदा ले, जग मा रइही प्रीत। गुस्सा करके मोला सजनी, ...