तोरो हो पीड़ा, परही कीड़ा, देवत सब जन गारी। पापी कोरोना, कोना कोना, फैला झन बीमारी। जनता हाँ रोवे, जन ला खोवे, छोड़व अत्याचारी। कोरोना हारय, अबतो भागय, करव सबो तैयारी।1। लक्षण ला जा...
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।