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अप्रैल, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

*चौपाया छन्द*

तोरो हो पीड़ा, परही कीड़ा, देवत सब जन गारी। पापी कोरोना, कोना कोना, फैला झन बीमारी। जनता हाँ रोवे, जन ला खोवे, छोड़व अत्याचारी। कोरोना हारय, अबतो भागय, करव सबो तैयारी।1। लक्षण ला जा...

हेम के दोहे

ग्रहण धरलिस देश ला, जाने कौन बचाय। कोरोना के रोग हा, रोजे बाढ़त जाय।1। गाँव शहर मा देख ले, सबो हवय घबराय। कोरोना के डर घलो, भीतर भीतर खाय।2। ताकत भारत देश के, कोरोना ल बताव। गाँव शह...