तोरो हो पीड़ा, परही कीड़ा, देवत सब जन गारी। पापी कोरोना, कोना कोना, फैला झन बीमारी। जनता हाँ रोवे, जन ला खोवे, छोड़व अत्याचारी। कोरोना हारय, अबतो भागय, करव सबो तैयारी।1। लक्षण ला जानव, अब पहिचानव, कोरोना बीमारी। सुनले तँय संगी, सह ले तंगी, बन्द रहव घर द्वारी। हमरे अब पारी, संयम वारी, दूर रहव सँगवारी। तँय रोना धोना, कर कोरोना, तोर काल के बारी।2। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।