मोर माटी मोर दाई, तँय रखै हस नेम।
मोर जिनगी तोर कोरा, मा बसे हर टेम।
तोर सेवा करवँ दाई, परन करथंव हेम।
मोर जिनगी हवै अरपन, राखबे तँय प्रेम।
दलित कोदूराम ला हे, मोर सत परनाम।
राख मनमे नाव गुरु के, सफल होये काम।
पेर जाँगर अपन संगी, करवँ मनमे ध्यान।
हे अपारे देख महिमा, गुरु दियै सब ज्ञान।
राख सबसे प्रेम संगी, छोड़ तँय अभिमान।
पेर जाँगर अपन संगी, तोर बाढ़य शान।
सीख लेवव बने संगी, करवँ मनमा ध्यान।
मेहनत बिन कहाँ मिलथे, कोउनो ला ज्ञान।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
(छत्तीसगढ़) मो. 9977831273
टिप्पणियाँ