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*हाकलि छन्द* बरखा रानी

कसके पानी ला गिरा, बरखा रानी झन थिरा। सुघ्घर आँव मया रखबे, दुख पीड़ा हमरो हरबे।। दाना पानी कहाँ मिले, तोर बिना ये जगत हिले। सुख्खा खेती खार परे, बिन पानी सब जीव मरे। मनखे जम्मो ...