बार अपन मनके दीया ला, जग लाव अँजोरी।
सबो डहर परकास फैलही, मिटही अँधियारी।।
जोड़व नाता कुदरत संगी, जग बदव मितानी।
हरियर हरियर दिखही धरती, मत कर नादानी।।
हरियर होही मन हा सबके, रखव बचा पानी।
माटी सेवा मा तन मन राखव, कर बने किसानी।।
पर उपकार पर सेवा संगी, कर दव जिनगानी।
रइहव सुख के छइहा संगी, बोल मीठ बानी।।
कायर कपट छोड़ संगी, हेम करत विनती।
प्रेम भाव से मन मा जलाव, दीया सुरहूती।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
(छत्तीसगढ़) मो. 9977831273
टिप्पणियाँ