ऊवत बेरा के जिहाँ, परथन सबझन पाँव।
बढ़ निक लागे गाँव हा, हवे मया के छाँव।।
सुघ्घर दाई के मया, महिमा हवय अपार।
अपन पीर अंतस रखें, हमला देत दुलार।।
बनके दीया मेटलव, जग के सब अँधियार।
लावव नवा अँजोर गा, मन मा दीया बार।।
बइला कस जाँगर हवय, ओला कसके पेर।
दूर गरीबी ला करँय, मिलय छाँव सुख फेर।।
शाबासी टॉनिक हमर, लागे अड़बड़ मीठ।
मन करथे चंगा भला, देख ठठा के पीठ।।
अवगुन करथे दूर गा, गोठ करू कर भोग।
करू करेला हा रखै, जइसे तन ल निरोग।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ.ग.)
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