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फ़रवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हेम के कुंडलिया

विश्व महतारी भाखा दिवस के हार्दिक बधाइयां महतारी भाखा हरे, छत्तीसगढ़ी मोर। ननपन ले पायेंव मँय, दाई कोरा तोर।। दाई कोरा तोर, तही दे पहली आखर। मुख पोथी बन मोर, बनायें मोला साक्षर।। कहे हेम कविराय, तोर महिमा हे भारी। रखहूँ दाई मान, मोर भाखा महतारी।। -हेमलाल साहू छंद साधक सत्र-१ ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा जिला बेमेतरा (छ. ग)

हेम के कुण्डलिया

रोना रोवत आम जन, जबले बड़गे भाव। डीजल अउ पेड्रोल के, बाढ़े दाम चढ़ाव।। बाढ़े दाम चढ़ाव, देख मारत ऊँछाली। बढ़े जिनिस के दाम, जेब होवत हे खाली।। देखत हे सरकार, हवे जन ला अब ढोना। नेता बइठे शांत, आम जन रोवत रोना।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा जिला बेमेतरा (छ. ग.)

हेम के कुण्डलिया

जय हो माता शारदा, करव तोर गुणगान। सब्बो अवगुण दूर कर, दे दे हमला ज्ञान।। दे दे हमला ज्ञान, तोर जस ला मँय गावँव। मोर कंठ कर वास, ज्ञान ला सब्बो पावँव।। सुमिरत तोरे नाव, दूर मनके सब भय हो। करँव आरती तोर, शारदा माता जय हो।। - हेमलाल साहू ग्राम - गिधवा, पोस्ट नगधा जिला - बेमेतरा (छ. ग)

हेम के कुकुम्भ छंद

 हेम के कुकुम्भ छंद जय छत्तीसगढ़ मोर माटी, जग बर हावच वरदानी। सबले बढ़िया तोला कहिथे, तोरो हे गजब कहानी।। सब दुख पीरा तही हरैया, तोला सब माथ लगाथे। तोर शरण मा रहिके दाई, सुघ्घर जिनगी ल पहाथे।। तोर हवे ये भुइँया पावन, बसे देवता अउ धामी। गाँव गाँव माहामाया अउ, बसे राम अन्तर्यामी।। घर घर रामायण बाचत हे, बहे ज्ञान गंगा गीता। पावन हवे इहाँ के नारी, पूजे जस लक्ष्मी सीता।। बगरे हावय खनिज सम्पदा, देख इहाँ कोना कोना। हीरा मोती के खदान हे, भरे पड़े चाँदी अउ सोना।। कतको हावय बड़का बड़का, देखव इहाँ कारखाना। काम करे बाहर ले आवय, इहाँ बनावय ग ठिकाना।। देख कला संस्कृति ला सँजोय, पावन हवे तोर माटी। तोरच कोरा मा लइका मन, खेलय भँवरा अउ बाँटी।। रंग बिरंगी चिरई चिरगुन, जिनकर गुरतुर हे बोली। आनी बानी के जीव जन्तु, पाबे तँय टोली टोली।। नाचा गम्मत लोगन मनके, देख खूब मन ला भावे। सुवा ददरिया करमा पंथी, राग भरथरी जब गावे।। मातर मड़ई मेला बर जी, गाँव गाँव राउत जागे। नाच नाच के पारे दोहा, कतका सबला निक लागे।। धान चना गेहूँ उपजाथस, अउ उपजाथस उँनहारी। जय छत्तीसगढ़ मोर माटी, महिमा हवे तोर भारी।। सबले बढ़िया तोला कहिथे, तोरो

हेम के दोहे

हेम मोर हे नाव जी, गिधवा हावय गाँव। दया मया मिलथे जिहाँ, रुख राई के छाँव।। चिरई चिरगुन देखलव, सुनलव गुरतुर बोल। बढ़िया फुदकत देखके, लागय जी अनमोल।। पुरखा के खेती हवे, जिनगी के आधार। राम नाम के जाप ले, होबो भव ले पार।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा जिला बेमेतरा (छ. ग.)

हेम के दोहे

अलवा जलवा लेखनी, आखर ले अनजान। मइया जय हो शारदा, करहूँ तोर बखान।। तोर दिये आशीष ले, बढ़िस कलम के मान। मोर लेखनी मा बसे, अउ तहि दे पहचान।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा जिला बेमेतरा (छ. ग.)