चरदिनिया जिनगानी हावय, करलव सेवा पर उपकार। अपन समय झन खो रे संगी, बइठे घर मा तँय लाचार।1। अलख जगा बिद्या के जग मा, शिक्षा के दीया ला बार। पाठ पढ़ा तँय मानवता के, बगरे झन ईष्या के नार।2। जात पात के भेद भाव मा, मानवता ला झन तँय टोर। दया मया के बाँध गाँठ ला, टूटय झन सुम्मत के डोर।3। मन्दिर मज्जिद गुरुद्वारा अउ, चर्च सबो ला एक्के जान। मानवता सबले बड़का हे, हमरे बर जग मा भगवान।4। मिले नहीं गा बिना करम के, कोनो ला फल तँय हर मान। छोड़ भाग्य कर अपन भरोसा, तोर बनय जे हर वरदान।5। प्रकृति संग मा करव मितानी, मिलही भैया सुख के छाँव। सत्य अहिंसा के रद्दा मा, अपन अपन रेगालव पाँव।6। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा