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हरिगीतिका छन्द

रखबे मया तँय संग मा,  करु छोड़ के तँय गोठ गा। तँय राखले बिस्वास ला, मन होय जी तब पोठ गा। अभिमान ला तँय छोड़ के, मन राख ले तँय प्रेम गा । करबे भला मन बाँध ले, जग आस हे हर टेम गा।। सुघ्घर दया के भाव रख, मन मा जगा तँय प्रेम ला। मनके कड़ू कर दूर तँय, कर जाप परभू नेम ला।। सुन आज अउ गुन आज ले, संगी समय के फेर मा। नइ हे ठिकाना जान ले, ए काल के जी हेर मा।। फैलत जहर गा रोज के, गाँवे शहर मा देख ले। मोटर अऊ गाड़ी खड़े, अउ कारखाना रेख ले।। लावत हवै जी साँस के, ए फेफड़ा के रोग ला। कुदरत हवै हलकान जी, करके जहर ए भोग ला।। -हेमलाल साहू ग्राम- गिधवा, पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा छत्तीसगढ़, मो. 9977831273