तोरे संग मया होगय, कइसे में बताव।
रतिहा नींद नई आवे, कइसे में पहाव।।
आथे तोर रोज सुरता, कइसे मेह भुलाव।
तोला मेह देखे बिना, मन कइसे मढ़ाव।।
मिलके आव करव संगी, ठठ्ठा अउ मजाक।
सुघ्घर गोठ बात करबो, मन ला लेव झाँक।।
करहूँ बुरा झने ककरो, रखव मया परेम।
जिनगी के कहाँ भरोसा, काल हे हर टेम।।
हेम रूप मा झन जाबे, गुन ला तै निमार।
तन ले बड़े राख मन, पाबै सुख अपार।।
करले करम धरम ला तै, जिनगी हवय सार।
तै बढ़ा मया के सुघ्घर, जग मा अपन नार।।
-हेमलाल साहू
ग्राम- गिधवा, पोस्ट- नगधा
तहसील -नवागढ़, जिला बेमेतरा
छत्तीसगढ़, मो. नं.-9977831273
टिप्पणियाँ