@भाजी@ भाजी तिवरा अउ चना, देख सबो ललचाय। फेव-रेट सब के हवे, सिरतो गजब मिठाय।। खाले भाजी साग ला, सेहत के संसार। रोग दूर तन के करै, देवत मया अपार।। टोर खेड़हा खोटनी, भाजी राँध बघार। सबला हवे पसंद गा, सेहत के भरमार।। भाजी तिंपनिया रहै, हर पानी के छोर। दार डाल के राँध ले, देत मया के सोर।। नाव सोल भाजी हवय, छू के देख लजाय। अबड़ मिठाथे साग हा, खाये जीभ लमाय।। मुसकेनी भाजी रहै, गाँव गाँव अउ खार। लान मुफत मा टोरके, रुपया लगे न चार।। -हेमलाल साहू ग्राम- गिधवा, पोस्ट- नगधा तहसील -नवागढ़, जिला बेमेतरा छत्तीसगढ़, मो. नं.- 9977831273
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।