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संदेश

नवंबर, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

@भाजी@

@भाजी@ भाजी तिवरा अउ चना, देख सबो ललचाय। फेव-रेट सब के हवे, सिरतो गजब मिठाय।। खाले भाजी साग ला, सेहत के संसार। रोग दूर तन के करै, देवत मया अपार।। टोर खेड़हा खोटनी, भाजी राँध बघार। ...

@इहाँ पीटत डोल@

फेसबूक मनखे नकली, पहिरे हवे खोल। अपन घर मया नई करै, इहाँ पीटत डोल।। नाव गाँव के पता नहीँ, दिखत सबके पोल। कइसे कहव मोर रानी, मनके मया बोल।। -हेमलाल साहू ग्राम- गिधवा, पोस्ट- नगधा त...

मोदी दीस तान सीना

मोदी दीस तान सीना, देख छप्पन इंच। धन देख लाय बर करिया, नवा खोलिस पंच।। वादा करिस अपन पूरा, जन के रखिस मान। पांच सौ हजार नोट ला, करदिस बन्द जान।। खून अउ पसीना लुटके, भरथे खूब माल। ...

जाड़ा(शोभन छंद)

आइस जाड़ा अब संगी, काँपत हाथ गोड़। घाम हा सुहाये सबला, रवनिया मत छोड़।। कड़के कसके जाड़ा हा, तन मा घुसर जाय। तापके गोरसी आगी, अपन जाड़ भगाय ।। जाड़ के महीना सुघ्घर, सेहत चलव बनाव। योगा ...

शोभन छंद

तुलसी पूजा रोज तैह करले, सुमर तुलसी नाम। हरथे रोग शोक मनके, सफल करथे काम।। तुलसी मा हवे बिराजै, देख लछमी मात। सालिक राम संग परभू, बिसनू हे समात।। पुन्नी अपने  छोड़ मोह माया, चल ...

शोभन छंद

तोरे संग मया होगय,  कइसे में बताव। रतिहा नींद नई आवे, कइसे में पहाव।। आथे तोर रोज सुरता, कइसे मेह भुलाव। तोला मेह देखे बिना, मन कइसे मढ़ाव।। मिलके आव करव संगी, ठठ्ठा अउ मजाक। सु...

आगय देवारी (शोभन छंद)

आगय संगी देवारी, देख हमर तिहार। बारव दीया सुरहूती, लाव नव उजियार।। लछमी दाई घर आवय, फैलय यस हमार। आव दूर करबो मिल, जगत के अँधियार।। -हेमलाल साहू ग्राम- गिधवा, पोस्ट- नगधा तहसील -...

शोभन (सिंहिका)

छन्द के छ के नवा पाठ - शोभन (सिंहिका) छन्द अभी विष्णु पद छन्द सीखेन जेमा 16,10 मा यति रहिस। अंत गुरु से रहिस। लगभग वइसने शोभन छन्द आय 14,10 यति। सोभन (सिंहिका) छन्द (१४,१०) डाँड़ (पद) - ४, ,चरन - ८  त...

@जाड़ा@

@जाड़ा@ हेमन्त अपन रंग ला, सबो मुड़ा देखाय। बनके जाड़ा देखले, अँगमा सरी समाय।। होत बिहनिया सीत के, छोड़य तीर कमान। अड़बड़ बड़गे जाड़ हा, सबके लेत परान।। कड़कत हावे जाड़ हा, माँगत चादर साल...

तुलसी

बिन्दा के सुरता रहै, महिमा हवे अपार। हरथे सबके रोग ला, तुलसी पूजा सार।। तुलसी बिरवा तँय लगा, परभू के रख मान। लछमी घर आही सदा, बिसनू के वरदान।। -हेमलाल साहू ग्राम- गिधवा, पोस्ट- न...

@करिया नोट@

जुन्ना हजार पाँच सौ, बंद आज ले नोट। रोत चोर करिया हवे, कसके लगगे चोट।। धोखा करिया चोर हाँ, खाय हवे जी आज। करिया पइसा आय न, संगी अबतो काज।। आवय न कुछू काम गा, करिया धन हा मान। करिय...

*राख सबसे प्रेम*

हवै चार दिन के जिनगी, राख ले मन प्रेम। का ठिकाना कहाँ मलही, फेर जी अब टेम।। प्रेम ला अंतस राख ले, खोल तँय मन द्वार। जान ले मान ले संगी, सब इही जग सार।। गुन ला माटी के गावव, माथ अपन न...