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सरसी छंद (गुरु घासीदास बाबा)*

सत्य नाम ला अमर करइया, जय गुरु घासीदास। जग मा लाये हच तँय बाबा, सुग्घर नवा उजास।।  करम धरम ला पोठ करे हस, बन महान तँय संत।  सुग्घर जग मा अपन चलाये, सत्य नाम के पन्त।।  मनखे मनखे एक बरोबर, सबके बनव हितेश।  भेद भाव ला छोड़ कहे तँय, सबला दे संदेश।।  बिना कर्म के कहाँ मिले फल, जैसे बिन गुरु ज्ञान।  कहे अंध विस्वासी झन बन, बनव सबो विद्वान।।  सादा जिनगी ला धरबे तँय, करबे सद व्यवहार।  छोड़ नशा ले दुरिहा कहिथस, रखबे उच्च विचार।। -हेमलाल साहू  छंद साधक सत्र-0१ ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा