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शोभन (सिंहिका)

छन्द के छ के नवा पाठ - शोभन (सिंहिका) छन्द

अभी विष्णु पद छन्द सीखेन जेमा 16,10 मा यति रहिस। अंत गुरु से रहिस।
लगभग वइसने शोभन छन्द आय 14,10 यति।

सोभन (सिंहिका) छन्द (१४,१०)
डाँड़ (पद) - ४, ,चरन - ८ 
तुकांत के नियम - दू-दू डाँड़ के आखिर मा माने सम-सम चरन मा जगन, बड़कू,नान्हें,बड़कू  (२,१,२)
हर डाँड़ मा कुल मातरा – २४ ,
बिसम चरन मा मातरा – १४, सम चरन मा मातरा- १०
यति / बाधा – १४, १० मातरा मा
खास- एला सिंहिका छन्द घला कहिथें

राख सबसे प्रेम

हवै चार दिन के जिनगी, राख ले मन प्रेम।
का ठिकाना कहाँ मलही, फेर जी अब टेम।।
प्रेम ला अंतस राख ले, खोल तँय मन द्वार।
जान ले मान ले संगी, सब इही जग सार।।

गुन ला माटी के गावव, माथ अपन नवाव।
मोर हवै जाँगर साथी, मेह किसान आव।।
गारके पसीना तन ले, रोज करथव काम।
सुत उठ माटी दाई ला, करव मे  परनाम।।

-हेमलाल साहू
ग्राम- गिधवा, पोस्ट- नगधा
तहसील -नवागढ़, जिला बेमेतरा
छत्तीसगढ़, मो. नं.-9977831273

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