छत्तीसगढ़ी मा करवँ, मँय जिनगी भर गोठ। मोर बढ़े नित ज्ञान हाँ, होवय भाखा पोठ।। मोर माटी मोर हावय, देख ले अभिमान रे। मोर जिनगी बर बने हे, आज जे वरदान रे।। देख करथौ गान ला मँय, नित धरे मन राग रे। नाम जेकर जाप करथौ, मोर जागय भाग रे।। -हेमलाल साहू ग्राम-गिधवा, पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।