आइस जाड़ा अब संगी, काँपत हाथ गोड़।
घाम हा सुहाये सबला, रवनिया मत छोड़।।
कड़के कसके जाड़ा हा, तन मा घुसर जाय।
तापके गोरसी आगी, अपन जाड़ भगाय ।।
जाड़ के महीना सुघ्घर, सेहत चलव बनाव।
योगा अभ्यास मा सँगी, तन मन ला लगाव।।
स्वस्थ रखै तन मन ला जी, बनहूँ पहलवान।
स्वागत करले जाड़ा के, झन करव अपमान।।
कोयली राग ला धरके, गाय गीत बसंत।
लागे सुघ्घर मीठ तान, सुनले रे हेमन्त।।
प्रेम के गीत ला गावय, सबला बड़ सुहाय।
कुदरत संग मया करले, जिनगी हमर आय।।
-हेमलाल साहू
ग्राम- गिधवा, पोस्ट- नगधा
तहसील -नवागढ़, जिला बेमेतरा
छत्तीसगढ़, मो. नं.-9977831273
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