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फ़रवरी, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शंकर छंद

नैतिक शिक्षा नैतिक शिक्षा जग बगरा के, लाव नवा सुराज। जात पात ला ऊँच नीच के, पाट दव गा आज।। भैर भाव ला मन के मेटव, करव सबसे प्रेम। जिनगी के दिन बस चार हवय, फेर नइहे टेम।। राजनीति राजनीत बर दंगा ला अब, झन इहाँ भड़काव।। पद अउ पैसा के ताकत मा, साँच ल झन दबाव। जाति धर्म के खातिर भैया, फेर झन ग लड़ाव।। पानी कस खून पसीना ला, आज झन ग बहाव।। - हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा

*प्लास्टिक*

प्लास्टिक ले दूषित सबो, खाना कैंसर लाय। प्लास्टिक हा जब भी जले, प्रदूषण फैलाय।। बंद प्लास्टिक ला करौ गा, लाव झन उपयोग ला। हानि कारक बड़ हवे गा, लाय तन मा रोग ला।। जे सड़े  ना  अउ  गले ना,  पाय सब घर द्वार गा। खेत  बिगड़े  होय बंजर,  हानि  हे  भरमार  गा।। सोच गुन के आज ले गा, बंद प्लास्टिक ला करौ हाट मा कुछु चीज ले बर , बैग कागज के धरौ।। दूर हो उपयोग प्लास्टिक, जन सबो ला तँय जगा। गाँव अउ मिलके शहर सब, आँव प्रदूषण भगा।। प्लास्टिक कचरा दूर कर, गाँव शहर ला साज ले। बंद होय उपयोग हाँ, प्लास्टिक के गा आज ले।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा