कोरबा
ऊर्जा के नगरी हवे, रखे अलग पहिचान।
सबला दे अंजोर गा, नाव कोरबा जान।।
आवव देखव कोयला, करिया हीरा खान।
बड़े कारखाना चलै, देखव ओकर शान।।
बिलासपुर
न्याय राजधानी बसे, रहिस बिलासा गाँव।
मिलथे सबला न्याय हा, बिलासपुर हे नाव।।
केवटिन ओ नारी सती, आय बिलासा जान।
लाज बचाये बर अपन, ओ गवाइस परान।।
रइपुर
हमर राजधानी हरे, देखव ओखर शान।
रंग भरे जग के हवे, रइपुर ला पहिचान।।
आनी बानी बोल हे, किसम किसम के लोग।
मानव के माया नगर, अपन दिखावय योग।।
मारो
मान सिंह राजा रहे, किल्ला जेकर आन।
सुग्घर हावय आज भी, मारो गढ़ के शान।।
भारी बड़का गढ़ रहे, रखे अलग पहिचान।
देख समे बलवान हे, खोइस ओकर मान।।
कांकेर
तपोभूमि ऋषि कंक के, हरे पहाड़ी धाम।
दाई हे कांकेश्वरी, पूरन करथे काम।।
धरम देव राजा रहे, सिंह बनाय दुवार।
कंडरा रक्छा ला करे, दुश्मन जावे हार।।
हे सोनाई रूपई, सुघ्घर तरिया जान।
राजा के बेटी इहे त्यागिस हवे परान।।
ए सुक्खा होवय नहीँ, जेकर हे परमान।।
आधा पानी सोन गा, आधा चाँदी जान।
बस्तर
आवव बस्तर देख लव, जंगल झाड़ी आय।
हरियर हरियर देख लव, कुदरत रंग भराय।।
देख आदिवासी हवे, हमर इहाँ के शान।
भोला भाला सादगी, जेकर हे पहिचान।।
देखव बस्तर के महल, सुघ्घरता के खान।
दलपत सागर देख ले, बस्तर के हे आन।।
तीरथगढ़ बड़ निक लगे, सुघ्घर जलप्रपात।
आवव संगी देख लव, चित्रकोट मन भात।।
खास हवे गा दशहरा, अबड़ ख्याति जग जान।
सबले हावय अलग गा, बाढ़य बस्तर मान।।
देखव जी कैलास के, गुफा कुटुमसर आँव।
हवय प्रकृति के रंग हा, मिले मया के छाँव।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ.ग.)
टिप्पणियाँ