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कज्जल छंद

सबो डहर हे लूट पाट।
बने रथें साहेब लाट।।
मानवता ला देत पाट।
खोल चोर सबके कपाट।।

मिलै न बिन सबूत चोर।
न्याय हवे  अंधरा मोर।।
घुमय चोर हा गली खोर।
कहाँ पुलिस ला हवै सोर।

करत परोसी हवै खोट।
जबले देखे हवै नोट।।
भाई  के मन होय छोट।
पइसा खातिर बिके वोट।।

गार पसीना करव काम।
अपन समे के हाथ थाम।
रही जगत मा तोर नाम।
पेरव जाँगर छाँव घाम।

आवव देवव जी सबो साथ।
काम बाँट सब अपन हाथ।।
सबो डहर गढ़ नवा गाथ।
धरती सेउक नवा माथ।।

-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
(छत्तीसगढ़) मो न 9977831273

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संत गुरु घासीदास (हेम के दोहे)

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