तँय नशा ला छोड़ संगी, बात ला तो मान ले। ए नशा हा नास के गढ़, आज तँय जी जान ले।। काल जेकर ए हवय साथी, रोग धरके आय जी। होय घर बरबाद सबके, सुख कहाँ ले पाय जी।। गीत ला तँय गाव गुरतुर, गीतिका के छन्द मा। राग धरके पाग धरके, बाँध ले तँय बन्द मा।। भाव भरले जी अपन तँय, राख ले मन मा दया। फोर पीड़ा तँय अपन गा, रोक झन मन के मया।। नाव मा का तोर हावय, बात सुनले मोर गा। मेहनत कर रोजके तँय, जानही जग खोर गा। आय अकती के परब जी, ठान ले मन आज गा।। तँय परन करले करम बर, हो सफल सब काज गा। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा, तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा छत्तीसगढ़, मो. 9977831273
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।