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सरसी छंद *दाई*

सजगे दाई तोर दुवरिया, गूँजत हे जयकार। लाली लुगरा पहिरे दाई, किसम किसम के हार।। आगे हावय नव दिन के ये, सुघ्घर ओ नवरात। रिगबिग रिगबिग दीया बरथे, महिमा तोरे गात।। नव दिन ले रखथे ...