सुघ्घर परभू के, चरन सरन मा, रोज नाम ला, जाप करौ
मनके मनखेे मा, भेद भाव कर, संगी हो झन पाप करौ।।
तन मन अरपन कर, राख मया ला, मन मा परभू, ध्यान करौ।
सब सुनथे अरजी, अंतर्यामी, अपन बसा मन, गान करौ।।
बिद्यायल जाबो, लिखबो पढ़बो, सुघ्घर पाबो, ज्ञान बनै।
चल आगू बढ़बो, जिनगी गढ़बो, करके परभू, ध्यान बनै।
जोड़व नाता ला, अपन सबो से, पास रहव मिल
एक बनै।
करले धरम करम, झन करव सरम, कर दान दया, नेक बनै।
दाई बाबू के, पूजा करबो, जिनगी पाबो, अपन सुखी।
गुरु चरने रहिके, ज्ञान ल पाबो, कटथे पापे, अपन दुखी।।
तै रखबे बढ़िया, धरम करम ला, सुघ्घर करबे, काज बनै।
तै करबे सेवा, पाबे मेवा, दया मया ला, साज बनै।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
(छत्तीसगढ़) मो. 9977831273
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