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@त्रिभंगी छंद@

सुघ्घर परभू के, चरन सरन मा, रोज नाम ला, जाप करौ
मनके मनखेे मा, भेद भाव कर, संगी हो झन पाप करौ।।
तन मन अरपन कर, राख मया ला, मन मा परभू, ध्यान करौ।
सब सुनथे अरजी, अंतर्यामी, अपन बसा मन, गान करौ।।

बिद्यायल जाबो, लिखबो पढ़बो, सुघ्घर पाबो,  ज्ञान बनै।
चल आगू बढ़बो, जिनगी गढ़बो, करके परभू,  ध्यान बनै।
जोड़व नाता ला, अपन सबो से, पास रहव मिल
एक बनै।
करले धरम करम, झन करव सरम, कर दान दया, नेक बनै।

दाई बाबू के, पूजा करबो, जिनगी पाबो, अपन सुखी।
गुरु चरने रहिके, ज्ञान ल पाबो, कटथे पापे, अपन दुखी।।
तै रखबे बढ़िया, धरम करम ला, सुघ्घर करबे, काज बनै।
तै करबे सेवा, पाबे मेवा, दया मया ला, साज बनै।।

-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
(छत्तीसगढ़) मो. 9977831273

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संत गुरु घासीदास (हेम के दोहे)

बाबा घासीदास गा, तोर आय हव द्वार। तँय हर दीया ज्ञान के, मोरो मन मा बार।। निचट अज्ञानी मँय हवव, बता ज्ञान के सार। बाबा अड़हा जान हव, जग ले मोला तार।। दुनिया मा हावे भरै, माया के भण्डार। आके मोरो तँय लगा, बाबा बेड़ा पार।। सबो जीव बाबा हवै, जग मा तोर मितान। सत्य बचन बाबा हवै, तोर जगत पहिचान।। मानव मानव एक हे, जगत तोर संदेश। भेद भाव मनके मिटै, आपस के सब क्लेश। सादा जिनगी तोर हे, सादा हवै लिवाज। सत रद्दा जिनगी चलै, रखै सत्य के लाज।। बाबा तँय सतनाम के, सुघ्घर पन्त चलाय। सत के झंडा देख ले, बाबा जग फहराय।। सत के पूजा ला करै, बाबा घासीदास। सत के रद्दा मा चलै, रहिके सत के पास।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट बेमेतरा तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ.ग.)

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जागव रे जवान जागव रे, संगी मोर सियान। धरती गोहार लगावत हे, देवव अबतो ध्यान।। झन काँटव जंगल झाड़ी ला, धरती के श्रृंगार। सबो जीव के हवय बसेरा, जिनगी के आधार।। जैसे काँटत जाबे जंगल, कतको बनही घाँव। बंजर हो जाही भुइँया हर, उजड़त जाही गाँव।। सूखा जाही पानी सब्बो, मर जाबे तँय प्यास। बिना हवा पानी जिनगी के, तोर छूट जहि साँस।। तीप जही भुइँया लकलक ले, चट-चट जरही पाँव। लेसा जाही तन तोर घाम मा, मिले नहीं जुड़ छाँव।। रुख राई ले पवन बहे गा, जिनगी के बन प्रान। पैसा खातिर झन बेचव गा, भविष्य अउ ईमान।। जंगल हसदेव ला बचाके, करलव गरब गुमान। हमर आदिवासी संस्कृति के, जेन हवय पहचान।। समे रहत ले चेत लगाके, जंगल अपन बचाव। सुखी रही जिनगानी सबके, सुघ्घर पेड़ लगाव।। - हेमलाल साहू छन्द साधक, सत्र-1 ग्राम- गिधवा, जिला बेमेतरा