मन में बसे रावन हवे, जँह देख ओकर राज हे।
हर रोज हे दिखते इहाँ, बिटिया लुटावत लाज हे।।
मन मा बसे दसशीश के, तँय पाप ला तुरते जला।
रख लाज बहिनी के सदा, तब होय जगके जी भला।।
मन भाप रे तँय जाग रे, मन ला लगा तँय मान रे।
प्रभु जाप ला कर साथ मा, अब तै समे पहचान रे।।
चल साथ रे कर काम रे, तँय भाग ला चल रे जगा।
चल बोल रे तँय साँच रे, मन पाप ला तँय तो भगा।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
(छत्तीसगढ़) मो. 9977831273
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