हावे छत्तीसगढ़ के, चीला रोटी शान।
खाके तैहा देखबे, तब पाबे पहिचान।।
चक्का जइसे गोल हे, रहिथे छेद मितान।
सोंहारी तो नइ हरे, एकर कर पहिचान।।
आय नहीँ गेंहू बता, चाँउर आय पिसान।
चाँउर ला पिसके हवै, एला बनाय जान।।
बनही चीला आज गा, आये घर के आन।
नोनी अउ बाबू सबो, एला खावय जान।।
भउजी चूल्हा बारके, पिसान देवय घोर।
जइसे तावा हा तिपय, डाले चारो ओर।।
ढकनी देवय तोप गा, बने फेर सेकाय।
सुघ्घर चीला हा बने, मुँह मा पानी आय।।
अड़बड़ रहिथे स्वाद हा, एला सबो बनाय।
चटनी संग पताल के, माँग माँग सब खाय।।
-हेमलाल साहू
ग्राम- गिधवा, पोस्ट- नगधा
तहसील -नवागढ़, जिला बेमेतरा
छत्तीसगढ़, मो. नं.-9977831273
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