मोर माटी मोर दाई, तँय रखै हस नेम। मोर जिनगी तोर कोरा, मा बसे हर टेम। तोर सेवा करवँ दाई, परन करथंव हेम। मोर जिनगी हवै अरपन, राखबे तँय प्रेम। दलित कोदूराम ला हे, मोर सत परनाम। राख ...
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।