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सितंबर, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

@रूपमाला छन्द (मदन छन्द)@

मोर माटी मोर दाई, तँय रखै हस नेम। मोर जिनगी तोर कोरा, मा बसे हर टेम। तोर सेवा करवँ दाई, परन करथंव हेम। मोर जिनगी हवै अरपन, राखबे तँय प्रेम। दलित कोदूराम ला हे,  मोर सत परनाम। राख ...

*बरवै छंद*

हेमलाल नाव हवै, गिधवा गाँव। चिरई करै बसेरा, पीपर छाँव।। माँ शीतला बिराजे, तरिया पार। मया दया दाई के, हवै अपार।। माटी सेवा भैया, करै किसान। नागर अऊ तुतारी, हे पहचान।। ऊवत सूरु...

कज्जल छंद

सबो डहर हे लूट पाट। बने रथें साहेब लाट।। मानवता ला देत पाट। खोल चोर सबके कपाट।। मिलै न बिन सबूत चोर। न्याय हवे  अंधरा मोर।। घुमय चोर हा गली खोर। कहाँ पुलिस ला हवै सोर। करत प...

@आवव रे संगी@

आवव रे संगी मिल, करबो काम। भुइँया सरग बनाबो, परभू धाम।। करम धरम रहै सदा, बन परकास। सच के पूजा होवय, छुवै अगास।। सुख अउ शांति रहै जी, मन संतोष। दाई रमा बिराजे, भरही कोष।। पाप होय झ...

@सुघ्घर हे गाँव@

सुघ्घर हे गाँवे, सबला भावे, संगी बड़ निक लागे। हरियर रुख राई, देखव भाई, सबके मन मोहागे।। खेती अउ खारे, नदिया पारे, संगी अबड़ सुहाये। पीपर के छाँवे, ममता हावे, माटी प्रेम जगाये।। -ह...

@अब डंका बाजय@

अब डंका बाजय, बैरी भागय, तांडव काल मचाबो। सब मार अधरमी, टार कुकरमी, भुइँया सरग बनाबो।। भारत के पीरा, खोवत हीरा, कइसे कभू भुलाबो। भारत के झंडा, लगही डंडा, गाड़ पाक मा आबो।। -हेमलाल ...

@शिक्षा ला बगराबो@

तज जात पात ला, मान बात ला, आगू बड़ जा भाई। सब संग जोर के, गाँव खोर के, रद्दा बने बनाई।। आवौ सब पढ़बो, आगू बढ़बो, जिनगी सफल बनाबो। सब गाँव म जाबो, अलख जगाबो, शिक्षा ला बगराबो।। -हेमलाल सा...

@शिक्षा ला बगराबो@

तज जात पात ला, मान बात ला, आगू बड़ जा भाई। सब संग जोर के, गाँव खोर के, रद्दा बने बनाई।। आवौ सब पढ़बो, आगू बढ़बो, जिनगी सफल बनाबो। सब गाँव म जाबो, अलख जगाबो, शिक्षा ला बगराबो।। -हेमलाल सा...

@पढ़ ले दू आखर@

पढ़ ले दू आखर, विद्या सागर,  ज्ञान बाँट तैं लेबे। सुन दान दया के, संग मया के, सीख सबो ला देबे।। दाई बर जीबो, सेवा करबो, वोकर मान बचाबो।। चल ताने सीना, बहै पसीना, बैरी मार भगाबो।। -हेम...

@छोड़व मन माया@

छोड़व मन माया, माटी काया, झन करहूँ अभिमाना। चारे दिन जिनगी, सबला संगी, एक जगह हे जाना।। संतोष रखै सुख, मिलै नहीँ दुख, अपन करम के भागे। मन कतको जागे, कतको भागे, काल सबो ले आगे।। -हेमल...

बरखा रानी

आँसो सब तरिया, नरवा-नदिया, जम्मो सुख्खा देख परे। सुन बरखा रानी, देख परानी, बिन पानी सुन झार मरे।। देखव सब गाँवे, नइये छाँवे, रुख राई मन, ठाड़ झुखे। कर बिनती तोला, कहिथे चोला, आके कर...

सब आवव भाई पड़े लगाई

झन काटव भाई, रुख अउ राई, सबके संगी, ताय कहै। सब आवव भाई, पेड़ लगाई, कुदरत सब ला भाय रहै।। निरमल पुरवाई, मानौ भाई, परदूसन ला दूर करै।। छोड़ौ सँगवारी, मोटर गाड़ी, जौन जहर ला, रोज भरै।। नि...

त्रिभंगी छंद

मन मोर गाँव ला, नीम छाँव ला, प्रेम भाव ला, याद करै। दाई बाबू के, बंधु बहिन के, सुरता करके, नयन भरै।। सुघ्घर हे जिनगी, नइये तंगी, मिलके संगी तीर रहै । घर द्वार मया के, दान दया के, नेह प्...

बिदाई

हे गणपति बप्पा, चप्पा चप्पा, सब झन तोरे, ध्यान करैं। माटी के काया, छोड़ै माया, प्रभुजी सबके पाप हरै।। हे तोर बिदाई, बड़ दुखदाई, तँय हम सबला छोड़ चले। मन सबके भींजत, आँसू सींचत, आस दरस ...

जय माँ सरस्वती

हे मात भारती, करँव आरती, मन के दीया,  बार सबे। हे हंस वाहिनी, ज्ञान दायिनी, खोलव मनके द्वार दबे।। तैं माता जगती, करथौं भगती, धरथौं तोरे, ध्यान महूँ। दाई सरसत्ती, माता सत्ती, देदे ...

@जय जय हनुमन्ता@

जय जय हनुमन्ता, तँय बलवन्ता, राम भगत  जग, कष्ट हरौ। रख शक्ति अनंता, निशचर हन्ता, सबके मनके पाप हरौ।। मोरे भगवाने, जय हनुमाने, उर म विराजे , ज्ञान भरौ।। हे राम दुलारे, सबके प्यारे, ...

@त्रिभंगी छंद@

सुघ्घर परभू के, चरन सरन मा, रोज नाम ला, जाप करौ मनके मनखेे मा, भेद भाव कर, संगी हो झन पाप करौ।। तन मन अरपन कर, राख मया ला, मन मा परभू, ध्यान करौ। सब सुनथे अरजी, अंतर्यामी, अपन बसा मन, गान ...

चौपई छंद

देखव संगी गाये फाग। कोंदा मनमें धरके राग। दीया ला मनमें ओ बार। दैय अंधरा गीता सार।। रखके मनमें परभू  प्रीत। भयरा सुने भक्ति के गीत।। देख धरै परभू के द्वार। चलै लेड़गा भव से ...

रूपमाला/मदन छंद [सम मात्रिक]

देख सुघ्घर हवै संगी, नानपन के गाँव। खेत अउ खार हावे, हवय पीपर छाँव।। नीम चौरा हवै बइठे, सीतला माँ मोर। पीर सबके हरत दाई, रखत सबके सोर।। सोन चिरई हवै खेलत, आँगना के छोर। राग गावत ...

@नांगर @ जयकारी छन्द

लकड़ी, लोहा, चमड़ा जूर। बनथे नांगर के तो पूर।। डाड़ी, मुठिया, नांगर रंग। जोता, जुड़ा, नहाना संग।। कोकी लकड़ी म लगै नास। जेहा नांगर के हे  खास। बइला नांगर हावय सान। माटी रेंगे उगले ख...