आवव रे संगी मिल, करबो काम।
भुइँया सरग बनाबो, परभू धाम।।
करम धरम रहै सदा, बन परकास।
सच के पूजा होवय, छुवै अगास।।
सुख अउ शांति रहै जी, मन संतोष।
दाई रमा बिराजे, भरही कोष।।
पाप होय झन संगी, रखबो ख्याल।
परभू के गुन गाबो, टर ही काल।।
जात पात छोड़ रहै, सबो समान।
मनखे मनखे भाई, इहि पहचान।।
बोलव प्रेम मया के, सुघ्घर बोल।
सबो कटै माया जी, मन ला खोल।।
नारी, लछमी, दुरगा, देबी जान।।
होय कभू झन संगी, जग अपमान।।
सुघ्घर सरग बनाबो, देवव साथ।
करबो सब मिल बूता, बाँटव हाथ।।
-हेमलाल साहू
ग्राम-गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
(छत्तीसगढ़) मो. 9977831273
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