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मई, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रतिहा

रतिहा के बेरा हवे, घुघवा हा नरियाय।। देख निसाचर ला भगे, चमगेदर हा उड़ाय।। रतिहा के राजा हमन, बोलय गा ओ भूत। मनखे के अब राज न, कले चूप ते सूत।।

दया मया बेटी के (हेम के आल्हा छंद)

दया मया बेटी के हावय, सबला मानय अपने जान। अति भूखाये देख बबा ला, नोनी करत अन्न के दान।। देख दया अतका नोनी के, अंतस ले करथे परनाम। श्रद्धा से आसूँ छलकत हे, तँय नेक करे नोनी काम।। बेटा मोरो हावय नोनी, नइ आइस ओकर कुछु काम। जाँगर रहिते पूछिस मोला, अब करथे ओहर बदनाम।। जिनगी भर राखे हव पूँजी, पाई पाई मँय हर जोर। नइहे कउनो मेर ठिकाना, किंजरत रहिथौ खोरे खोर।। नोनी कहिस बबा झन होबे, तँय मोरो से कभू नराज। बड़ भागी वो मानुष होथे, जेला मिलथे सेवा काज।। बेटी बेटा सबो एक हे, राखव झन एमा जी भेद। नर नारी से बसथे दुनियाँ, बेटी बर काबर हे खेद।। सबके बेटी एक बरोबर, झन करहूँ एकर अपमान।। मान हेम के कहना संगी, सब रखिहौ बेटी के ध्यान।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)

देख इहाँ परदेसिया(हेम के दोहे)

देख इहाँ परदेसिया, अपन करत हे राज। बनके ढोंगी कोकड़ा, लूटत हावय आज।। चाँउर रुपया एक दे, अपन बनावै काज। दारू अड्डा खोलके, देख करत हे नाज।। बनगे छत्तीसगढ़िया, मनखे आज अलाल। चलत हवे परदेसिया, देखव बिघवा चाल।। देखव लइका ला करे, भात खवा बीमार। पढ़य झने छत्तीसगढ़िया, बने रहे गंवार।। भुइँया दाई मोर जी, रोवत हावय आज। टपटप आँसू हा गिरे, मोर बचालव लाज।। तोला भइया देख ले, करत हवय गोहार। जागव बेटा मोर रे, झन सो मुँह ला फार।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)

नोट (हेम के दोहे)

देख बबा गाँधी के उड़ेे, जम्मो भारत शोर। करे नोट खातिर गोठ ला, जम्मो कोती तोर।। दस से रथे हजार के, सुग्घर निक ले नोट। रुपया खातिर होय गा, सबके मनमा खोट।। बबा देख ये नोट के, अड़बड़ हावय मोल। ऐकर खातिर लोग मन, करथे टाल मटोल।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)

हेम के दोहे

जाँगर पेरव आप मन, जाय नहीं बेकार। लाय परिश्रम रंग जी, मानव झन जी हार।। धरे कलम कागज महूँ, लिखहूँ सुघ्घर आज। संगत साधक के हवे, सफल होय सब काज।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)

मोर गाँव (हेम के दोहे)

चिरई चुरगुन हा जिहाँ, बोलत हावे चाँव। सुघ्घर उहि भुइँया हरे, गिधवा मोरो गाँव।। नगधा मोरे पोस्ट हे, ब्लॉक नवागढ़ जान। जिला हवे बेमेतरा, रहिथे जिहाँ किसान।। माटीे बेटा आँव मँय, हेम लाल हे नाव। दसरू के नाती हरँव, माटी माथ नवाव।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)

दया मया (हेम के दोहे)

दया मया के होत हे, इहाँ हमर जी गोठ। देख सबो के मन भरै, रिश्ता बनथे पोठ।। जम्मो संगी मिल रहे, दरद सबो के जान। माटी बेटा आन गा, जम्मो हमन किसान।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ. ग.)

नाती बर बबा के मया(हेम के दोहे)

नाती बर हावय मया, सुनव बबा के गोठ। मुर ले जादा ब्याज बर, हवे मया गा पोठ।। नाती समझे ना मया, बोलय ना जी सोज। रोवय आँसू चार जी, नाती बर गा रोज।। जबले जाँगर हा थके, होगे हे मजबूर। बनगे पूत कपूत हे, होय मोर ले दूर।। जिनगी मा नइहे इहाँ, जीये के कुछ आस। देख देख जेला रहे, उहि नइहे जी पास।। बुढ़वा मनखे के इहाँ, देख हवय का मान। सबके लइका आज तो, बनगे हे अंजान।। रखले सुघ्घर ख्याल ला, पारत हव गोहार। कहना मोरो मान लव, मिलथे मया अपार।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)

बात टमड़ ले तँय (हेम के दोहे)

देख फेसबुक मा सबे, करथे अपन बखान। कउनो ला देखे नही, सब मनखे अंजान।। बात टमड़ ले तँय बने, करँव उँखर पहचान। कउँआ लेगे कान ला, बिन देखे मत मान।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)

बेटी ला दाई के सीख (हेम के दोहे)

होवत बेटी के बिदा, जावत हे ससुराल। दाई ओला सीख दँय, राखै ओकर ख्याल।। जुग जुग के जोड़ी बने, दूनो रैहव साथ। तोर सबो बर हो मया, नवा चरण प्रभु माथ।। सबके सुनबे बात ला, रखबे मीठ जुबान। सही बात ला बोलबे, झन सहिबे अपमान।। दाई बाबू हा हवय,  तोर जियत भर संग। सबला देबे सीख ला, बन के सबके अंग।। रखबे मन संतोष ला, देबे सुख दुख साथ। करम धरम करबे सदा, धनी तोर हे नाथ।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)