@जाड़ा@
हेमन्त अपन रंग ला, सबो मुड़ा देखाय।
बनके जाड़ा देखले, अँगमा सरी समाय।।
होत बिहनिया सीत के, छोड़य तीर कमान।
अड़बड़ बड़गे जाड़ हा, सबके लेत परान।।
कड़कत हावे जाड़ हा, माँगत चादर साल।
लकड़ी जइसे तन लगे, पाये पता न खाल।।
उठके भइया बिहनिया, भूरी तापे जाय।
तन के जाड़ा दूर हो, फेर काम हा भाय।।
घामे लागे निक अबड़, जबले जाड़ा आय।
बइठ रवनिया मा बने, तन ला सेके जाय।।
स्वस्थ रखै तन मन बने, सबला जाड़ा भाय।
कसरत करले तँय बने, रोग कभू नइ आय।।
काँपत तन सबके हवे, जाड़ा अबड़ जड़ाय।
बाँधव पागा कान मा, जाड़ फेर न जनाय।।
-हेमलाल साहू
ग्राम- गिधवा, पोस्ट- नगधा
तहसील -नवागढ़, जिला बेमेतरा
छत्तीसगढ़, मो. नं.-9977831273
टिप्पणियाँ