मुरली वाला आँव तँय, मनमा बसजा मोर।
जिनगी भर तँय साथ दे, नाम जपव मँय तोर।।
मिटै मोह माया सबो, मिलै ज्ञान के छोर।
अंधकार ला दूर कर, लावव नवा अँजोर।।
मँय तोला सुमिरन करव, ये पापी ला तार।
कलयुग के परदा हटा, भवसागर कर पार।।
भाई भाई दुश्मनी, करत मार अउ काट।
परभू आके प्रेम ला, अबतो सब मा बाँट।।
परभू बिनती मोर हे, भरदे मन मा प्रेम।
तोर भजन करहूँ सदा, श्रद्धा ले हर टेम।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ. ग.)
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