दाई शारद मोर, ज्ञान दे दे अनमोले।
मोर लगै हे आस, मिले विद्या के बोले।
साधक बनके तोर, साधना पूरा करहूँ।
सदा पाँव आशीष, शरण मा तोरे रइहूँ।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ.ग.)
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।
दाई शारद मोर, ज्ञान दे दे अनमोले।
मोर लगै हे आस, मिले विद्या के बोले।
साधक बनके तोर, साधना पूरा करहूँ।
सदा पाँव आशीष, शरण मा तोरे रइहूँ।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ.ग.)
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