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अपन देस बर जीबो मरबो (हेम के सरसी छंद)

अपन देश बर मरबो जीबो, हम ला हवय गुमान।
लाल हमन भारत माता के, ओखर करब बखान।1।

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, हमर देश के मान।
मया दया अउ भाई चारा, भारत के पहचान।2।

पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण,  हवन एक सब जान।
जान भले जावय भुइँया बर, सहन नहीँ अपमान।3।

हवै भरोसा जाँगर मा जी, करथन जी भर काज।
हमर बने माटी के चोला, रखथन माटी लाज।4।

दाई के जयकारा गावत, चलथन सीना तान।
दुश्मन कतको आवै संगी, हार कभू नइ खान।5।

खुदीराम आजाद भगत कस, जनमिन बड़का वीर।
अपन  देश  के  रक्षा  खातिर,  हाँसत  सहिगे  पीर।6।

बापू  गंगाधर  सुभाष  जी,  रहिन देश  के  शान।
स्वाभिमान ला उमन जगाइन, जागिस सबो जहान।7। 

आजादी बर लड़िन लड़ाई,  बाँटत  सत  के  गोठ।
ब्रिटिश राज ला मार भगाइन, वार करिन उन पोठ।8।

हमू  आन भारत  के बेटा, सदा  देश  बर प्रेम।
बाँचय ना जयचंद देेश मा, परन करत हे हेम।9

-हेमलाल साहू

ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा (छ. ग)

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संत गुरु घासीदास (हेम के दोहे)

बाबा घासीदास गा, तोर आय हव द्वार। तँय हर दीया ज्ञान के, मोरो मन मा बार।। निचट अज्ञानी मँय हवव, बता ज्ञान के सार। बाबा अड़हा जान हव, जग ले मोला तार।। दुनिया मा हावे भरै, माया के भण्डार। आके मोरो तँय लगा, बाबा बेड़ा पार।। सबो जीव बाबा हवै, जग मा तोर मितान। सत्य बचन बाबा हवै, तोर जगत पहिचान।। मानव मानव एक हे, जगत तोर संदेश। भेद भाव मनके मिटै, आपस के सब क्लेश। सादा जिनगी तोर हे, सादा हवै लिवाज। सत रद्दा जिनगी चलै, रखै सत्य के लाज।। बाबा तँय सतनाम के, सुघ्घर पन्त चलाय। सत के झंडा देख ले, बाबा जग फहराय।। सत के पूजा ला करै, बाबा घासीदास। सत के रद्दा मा चलै, रहिके सत के पास।। -हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, पोस्ट बेमेतरा तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ.ग.)

जुबान (कुंडलिया छंद)

निकले वापस फेर ना, आवय तोर जुबान। जइसे निकले तीर ले, आवय नहीं कमान।। आवय नहीं कमान, बात ला छेड़व गुनके। शारद दे आशीष, शब्द ला रखलव चुनके।। कहे हेम कविराय, बोल तँय गुरतुर मन ले। सब कड़वाहट फेक, फेर ना वापस निकले।। - हेमलाल साहू ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा

पंथी अउ देवदास बंजारे( हेम के दोहे)

ढोलक तबला थाप मा, बाजय मांदर संग। नाचय साधक साधके, देखव पन्थी रंग।। बाबा घासी दास के, करथे सुघ्घर गान। गावय महिमा देखले, गुरु के करत बखान।। चोला पहिर सफेद गा, नाचय पंथी नाँच। बाँधे घुँघरू गोड़ मा, गोठ करै गा साँच।। सादा हवय लिवाज हा, सादा झण्डा जान। सबला देवत सीख हे, मानव एक समान।। देव दास सिरजन करे, पन्थी नाँच बिधान। बगराइस सब देश मा, करके गुरु के गान। -हेमलाल साहू छन्द साधक सत्र-01 ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ.ग.)