हवे कथा ला सुनत, देख परभू के खासे।
आज कमरछठ आय, रखै हे दई उपासे।।
सुघ्घर जिनगी अपन, पूत बर हावे माँगत।
दाई ला परनाम, सदा रहे जियत जागत।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा(छ. ग.)
जनम जनम के बंधना, मया प्रीत के छाँव। भुइँया के बेटा हरव, जेकर महिमा गाव।। मोर छत्तीसगढ़ी रचना कोठी।
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