माथे साजे बिंदिया, गला गजमुखन हार।
कनिहा मा करधन रहें, सोला कर सिंगार।।
लाल पटा अउ बिंदिया, चूरी लाली रंग।
लाली माहुर पाँव के, होठ गुलाबी संग।।
रुपया टोड़ा ला पहिर, देख जाय बाजार।
ऐंठी लच्छा संग मा, लेवत नथली हार।।
बिछिया फूली रुपया, देख देख मन भाय।
पहिर नाग मोरी सुता, रानी बन ओ आय।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ. ग.)
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