सुघ्घर राख बिचार ला, सबके मन ला भाय।
लिखबो जन भाषा बने, सबला बने मिठाय।।
शब्द सहज दोहा सरल, जगा छंद के भाग।
सूर ताल बढ़िया रहे धरके गावव फ़ाग।।
भाषा छत्तीसगढ़ के, होवय संगी पोठ।
बोल मया के बात ला, गुरतुर लागे गोठ।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ. ग.)
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