जुआँ
गोसइया खेलय जुआँ, घर बार होय नास।
कोनो पावय पार ना, कहिथे जेला तास।।
जबले खेले तँय जुआँ, लछमी रहै न साथ।
बात मान ले मोर गा, धन ना आवय हाथ।।
मंद
दारू पीके झन करव, अपन बुद्धि ला मंद।
करथे बढ़ नुकसान गा, करय साँस ला बंद।।
छेरी
छेरी पालन ला करव, बढ़य बने जी आय।
माँस मंदिरा के चलन, कलयुग ला हे भाय।।
बढ़िया साधन आय के, छेरी पालन भाय।
राख कइसनो बाँध के, मेर मेर नरियाय।।
जाता
घड़र घड़र जाँता बजे, लागे निक ले तान।
दार दरय घर मा बने, देख बना के घान।।
गोल गोल चक्का चले, ऊपर नीचे जान।
कनकी ठोम्हा ओइरे, बनके गिरय पिसान।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ. ग.)
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