सुन के गुरु बानी मिटै, मन के माया हेम।
धुलथे मनके पाप हा, बाँच जथे बस प्रेम।।
अहंकार जबले बढ़ै, जग मा होय विनास।
ककरो नइहे फायदा, छोड़ अहम के दास।।
चलबो गुरु के नाँव मा, हमतो होय सवार।
डुबती नइया ले करें, भव सागर ले पार।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तह. नवागढ़, जिला बेमेतरा(छ. ग.)
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