नाचा(उल्लाला छन्द)
नकल दिखावय रीत के, गावय गाना मीत के।
निकले जोक्कड़ अउ परी, नाचत चौरा के तरी।।
ढोलक तबला संग मा, नाचा चढ़थे रंग मा।।
धरै परी हा राग ला, गावत जोक्कड़ फ़ाग ला।।
देख गाँव भरके जमे, रतिहा के नाचा रमे।
मांगव झन ए भीख ला, देवय जम्मो सीख ला।।
नाँच नाँच के खेल मा, बनथे नाचा मेल मा।
गँवई के ए प्रान हे, भुइँया के पहचान हे।।
जोक्कड़ हा सबला फभे, फेर कहाँ हावय दबे।
समय समय के टेम मा, राखव नाचा प्रेम मा।।
छेर छेरा (उल्लाला छन्द)
परब छेर छेरा परै, माँगत लइका मन हरै।।
अरन बरन कोदो दरन, देवव दान तभे टरन।
नान नान लइका हरै, देव रूप ला ओ धरै।
घर घर मा माँगत हवै, बने गीत गावत हवै।।
हेरव कोठी धान ला, पुन के करहू दान ला।
करलव सुघ्घर काम ला, रखव धरम के नाम ला।।
लइका मन हाँसत हवै, गली गली माँगत हवै।।
आथे बारह मास मा, पुन्नी के दिन खास मा।
जय हो लछमी तोर ओ, भंडार भरै तै मोर ओ।
देत छेर छेरा हरै, भाव दया के ओ धरै।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
छत्तीसगढ़, मो. 9977831273
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