भुइँया दाई हा महतारी, तोला कहिथे जगत किसान।
सुख दुख के हावय सँगवारी, जेमा बसथे तोर परान।।
उठती बेरा बुढ़ती बेरा, करथस सूरुज देव प्रणाम।
रोज पाँव परथस भुइँया के, जेकर सेवा तोरे काम।।
नागर बइला अऊ तुतारी, तोर हवै भैया पहचान।
गार पसीना तन ले भैया, ऊगाथस तैहा जी धान।।
जगत तरे तोरे सेवा मा, तही जगत के पालनहार।
तोर मेहनत ला दुनिया हा, नइतो पावे भैया पार।।
चिरई चिरगुन आय संगवारी, बइठे रहिथे तोर दुवार।
गाना गावय मीठ जुबानी, राखे भइया मया अपार।।
- हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
छत्तीसगढ़, मो. 9977831273।
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