जय हो जय हो गइया मइया, देवी के अवतार।
रूप आव लछमी दाई के, घर भरथौ भंडार।।
नर नारी मन पूजा करथे, महिमा तोर अपार।
छुए तोर पूछी ले दाई, मनखे हो भव पार।।
गावत हव महिमा ला तोरे, मोला दव वरदान।
सदा बिराजव मोरे अँगना, बढ़ै मान सम्मान।।
तोरे जिनगी अरपन हावे, करथस जग उपकार।
पर सेवा मा जिनगी काटे, इही जगत के सार।।
तोरे तन के गोरस दाई, मनखे मन हा खाय।
तभो तोर बेटा बछुवा हा, कतका देख अघाय।।
गोबर ले लीपे घर अँगना, मन ला सब के भाय।
अबड़ काम के गोबर छेना, खाना घर म बनाय।।
दवा जान ले गऊ मूत ला, तन के रोग भगाय।
बाद मरे के हाड़ा चमड़ा, तको काम मा लाय।।
करव गऊ माता के सेवा, छोड़व अत्याचार।
गइया मइया के मानव जी, जिनगी भर उपकार।।
-हेमलाल साहू
ग्राम-गिधवा, पोस्ट-नगधा,
तहसील -नवागढ़, जिला-बेमेतरा
छत्तीसगढ़, मो. 9977831273
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