बाँधे गठरी खोल, धराये जेमा सुरता।।
लमा मया ला तोर, रहै जेमा मन सुमता।।
हाँसी खुसी रहाय, मया के बोहय गंगा।
सुरता मा बल आय, होय संगी मन चंगा।।
कुदरत के ए रंग, रहै भुइँया मा हरियर।
अहंकार ला छोड़, होय मन तोरे फरियर।।
मया सबो बर राख, बाँध ले मन के सुमता।
माटी केे ए संग, हवै जिनगी के सुरता।।
सुरता हावय आज, हमर दाई के लोरी।
जेमा हवय बँधाय, मया के सुघ्घर डोरी।।
बइठन मिलके एक, सबो झन छोरा छोरी।
देवय दाई सीख, सुना के किस्सा लोरी।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
छत्तीसगढ़, मो. 9977831273
टिप्पणियाँ
चहलकदमी Chahalkadami: आमिर ने दिल और छोरियों ने जीते 'दंगल'