लबलबही तो होय, जन्म के जानव छेरी।
चरके कतको आय, जाय फिर घेरी बेरी।
तीन रंग के होय, सफेद खैर अउ कारी।
आँखी जेकर तेज, बोल मैं मै के भारी।।
आमदनी हा बढ़य, करव पालन जी छेरी।
बढ़िया साधन आय, करव झन भैया देरी।।
छेरी करव व्यपार, माँग एकर हे भारी।
काँटव चाँदी रोज, पाल के छेरी कारी।।
छेरी जेकर द्वार , भाग जागे जी ओकर।
दूध माँस के संग, मिलै आमदनी ओवर।।
एक ठने इक्कीस, होय घर मा जी छेरी।
करय गरीबी दूर, बचत के हावय फेरी।।
छेरी घर में राख, हवै भैया उपयोगी।
देख दूध अउ मूत, काम लेवय हर रोगी।।
ताकत देवय दूध, मूत से घाँवे मिटथे।
छेड़ी लेड़ी जाय, खेत मा ऊपज बढ़थे।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
छत्तीसगढ़, मो. 9977831273
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