सबो डहर देखव सुग्घर, बरसय रिमझिम पानी।
सबके मन में आस जगावय, हाँसय सबो परानी।।
अतल तला तल पानी भरही, जम्मो नरवा नदिया।
नाचय जल के रानी मन, देखव कतका बढ़िया।।
सुखी रही जिनगानी हर, शिव ला आँव मनाबो।
श्रद्धा मन ले दया मया के, सुघ्घर फूल चढ़ाबो।।
पहली घर खुशयाली लावय, घर मा आय हरेली।
पूजा करथे औजार सबो, फोड़य नरियर भेली।।
नीम दुवारी डारा खोचय, घर घर राउत भैया ।
चढ़ै सबो लइका मन गेड़ी, लोदी खावँय गैय्या।।
भागत लावय सावन संगी, देख मया के साखी।
भाई बहनी रद्दा जोहय, आवय भादो राखी।।
करिया करिया बादर देखत, निक लागे सँगवारी।
आय महीना सावन के जी, हावय महिमा भारी।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, जिला बेमेतरा (छ.ग.)
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